Understanding how maternal diet influences mother and infant physiology is crucial, as its effects extend to short- and long-term outcomes for both.
A Mediterranean-style diet,...
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के कट्टूर की 33 वर्षीय गृहिणी सेल्वा बृंदा ने अपने निस्वार्थ और मानवीय कार्य से पूरे देश में एक नई मिसाल कायम की है।
बृंदा, जो दो बच्चों की मां हैं, ने बीते 22 महीनों में 300.17 लीटर स्तन दूध दान किया, जिससे हजारों समय से पहले जन्मे और गंभीर रूप से बीमार नवजात शिशुओं को जीवनदान मिला। उनके इस सेवा कार्य को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है।