हर घंटे 8 महिलाओं की जान ले रहा है Cervical Cancer, अध्ययन में जागरूकता की भारी कमी का खुलासा

आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ की एक नई स्टडी में सामने आया है कि भारत में हर घंटे 8 महिलाएं कैंसर से अपनी जान गंवा रही हैं, जिनमें से सर्वाइकल (गर्भाशय) कैंसर प्रमुख कारणों में से एक है। इतनी गंभीर स्थिति के बावजूद, भारतीय महिलाओं में इस बीमारी को लेकर जागरूकता बेहद कम है।

यह अध्ययन महाराष्ट्र के शहरी और आदिवासी क्षेत्रों की 1,000 महिलाओं (500-500) पर आधारित था। अध्ययन में पाया गया कि 56% महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जबकि 72% महिलाएं इसके लक्षणों से पूरी तरह अनजान थीं। बड़ी संख्या में महिलाओं को यह भी नहीं पता था कि इस घातक बीमारी से बचाव के लिए एक वैक्सीन भी उपलब्ध है।

स्क्रीनिंग की स्थिति चिंताजनक

हालांकि अध्ययन में सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क स्क्रीनिंग की सुविधा दी गई थी, फिर भी केवल 6.85% महिलाओं ने पहले कभी स्क्रीनिंग कराई थी।

  • 61% महिलाओं को इसके जोखिम कारकों के बारे में जानकारी नहीं थी।
  • 41% का मानना था कि सिर्फ फैमिली हिस्ट्री वाले मामलों में ही स्क्रीनिंग की जरूरत है।
  • 18% ने कहा, लक्षण दिखें तभी जांच करानी चाहिए।
  • दर्द का डर, शर्मिंदगी और रिपोर्ट खराब आने की आशंका जैसी मानसिक वजहें स्क्रीनिंग न कराने के पीछे सामने आईं।

विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) गर्भाशय के कैंसर की प्रमुख वजह है। इससे बचाव के लिए 9 से 15 वर्ष की लड़कियों को वैक्सीन लगवाना चाहिए।

एम्स की पूर्व स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. नीरजा बाटला ने कहा कि 30 साल की उम्र के बाद हर महिला को कम से कम एक बार स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए, क्योंकि इससे प्री-कैंसर स्टेज में ही बीमारी का पता चल सकता है।

सरकार की पहल: ठाणे की महिलाओं के लिए 5 करोड़ की मदद

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ठाणे में ‘उपमुख्यमंत्री निरोगी महिला अभियान’ की शुरुआत की। कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “स्वस्थ महिला ही परिवार की असली संपत्ति है।” उन्होंने बताया कि मनपा के स्वास्थ्य विभाग को 5 करोड़ रुपये दिए जाएंगे ताकि गर्भाशय कैंसर की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें खरीदी जा सकें।

Cervical Cancer - Mother and Baby Matters
Image: UT Physician

शिंदे ने ‘माता सुरक्षित, घर सुरक्षित’ जैसे पहले के अभियानों का जिक्र करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से 400 करोड़ रुपये की राशि से करीब 3 करोड़ महिलाओं की जांच की गई थी।

3 महीने में 5 लाख महिलाओं की जांच का लक्ष्य

अभियान के तहत 9 से 14 वर्ष की लड़कियों के लिए एचपीवी वैक्सीन, सर्वाइकल कैंसर की जांच, मधुमेह और हीमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली को लेकर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। इस अभियान में आधुनिक सोनोग्राफी मशीनों और मैमोग्राफी वाहनों से लैस मोबाइल यूनिट्स तैनात की जाएंगी, जिन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम संचालित करेगी।

अगले 3 महीनों में 5 लाख महिलाओं की निःशुल्क जांच का लक्ष्य रखा गया है। सरकार की यह पहल महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति एक बड़ा कदम है।

Hot this week

Marwari Catalysts Group Enters Affordable IVF with Elara IVF under its VSM

Marwari Catalysts Group, under its Venture Studio Model, has...

Mpower's 5-Year Data Reveals Rising Mental Health Challenges Among Indian Men

Mpower, a leading holistic mental health care provider and...

Miraculous Brain Surgery at Dr. Kamakshi Memorial Hospitals Saves Young Businessman After Screwdriver Assault

In a dramatic, life-saving medical feat, the neurosurgical team...

Nutritionist Leema Mahajan Clears Myths on Palm Oil and Misleading Labels with Science-Backed Facts

Amid rising consumer confusion around edible oils and growing...

Topics

Marwari Catalysts Group Enters Affordable IVF with Elara IVF under its VSM

Marwari Catalysts Group, under its Venture Studio Model, has...

Mpower's 5-Year Data Reveals Rising Mental Health Challenges Among Indian Men

Mpower, a leading holistic mental health care provider and...

Billroth Hospitals Launches Institute of Robotic Surgery to Deliver High-Precision, Cost-Effective Care

Robot-assisted surgery will be offered across oncology, gastrointestinal, urology,...

Related Articles

Translate »