मां का दूध शिशुओं को निमोनिया व डायरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता देता है।
मुंबई: मां का दूध नवजात शिशुओं के लिए जीवनदायी अमृत माना जाता है। लेकिन कई बार माताओं को प्रसव के तुरंत बाद दूध नहीं उतरता, ऐसे में शिशु गाय के दूध या फ़ॉर्मूला पर निर्भर हो जाते हैं। इस स्थिति में मानव दूध बैंक किसी वरदान से कम नहीं होता।
मुंबई के कामा अस्पताल में माताएँ अपने शिशुओं को दूध पिलाने के बाद शेष बचा हुआ दूध दान करती हैं। यह दान किया गया दूध अस्पताल के मिल्क बैंक के माध्यम से उन शिशुओं तक पहुँचाया जाता है जिन्हें अपनी माँ का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता। पिछले छह महीनों में 726 माताओं ने लगभग 248 लीटर दूध दान किया, जिसमें से 236 लीटर दूध 1,461 ऐसे नवजात शिशुओं को उपलब्ध कराया गया जिन्हें अपनी माँ का दूध नहीं मिल सका।
नवजात शिशुओं के लिए वरदान है मां का दूध
डॉक्टर बताते हैं कि मां का दूध शिशुओं को आवश्यक पोषण प्रदान करता है और उन्हें निमोनिया व डायरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता देता है।
अध्ययनों से यह भी स्पष्ट हुआ है कि मां का दूध उपलब्ध होने से शिशु मृत्यु दर में 14% तक कमी आ सकती है। विशेषज्ञ बच्चे के जीवन के पहले छह महीने तक केवल स्तनपान कराने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह शिशुओं के लिए सर्वोत्तम पोषण का स्रोत है।