Ectopic Pregnancy यानी ऐसा गर्भधारण जो गर्भाशय के बाहर होता है, जहां यह सामान्य रूप से विकसित नहीं हो सकता। यदि समय पर इलाज न हो, तो जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक महिला को लंबे समय से तेज पेट दर्द और बार-बार उल्टी की शिकायत थी। उसकी स्थिति की जांच के लिए जब MRI स्कैन किया गया, तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। जांच में पता चला कि उसके लीवर के अंदर एक भ्रूण विकसित हो रहा है — जो कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का एक अत्यंत दुर्लभ और जानलेवा रूप है, जिसे इन्ट्राहेपेटिक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है।
अधिकतर लोग यही मानते हैं कि गर्भधारण की शुरुआत गर्भाशय से होती है, जब एक निषेचित अंडाणु (fertilized egg) गर्भाशय की परत से चिपक जाता है और धीरे-धीरे भ्रूण और फिर शिशु का रूप लेता है। लेकिन क्या हो अगर प्रकृति कोई अप्रत्याशित मोड़ ले? सोचिए, एक निषेचित अंडाणु अपनी यात्रा शुरू करता है, लेकिन रास्ता भटककर गलत जगह जा पहुंचता है, जैसे कि पतली फैलोपियन ट्यूब। यह दुर्लभ और संभावित रूप से खतरनाक स्थिति होती है जिसे एक्टॉपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy) कहा जाता है — यानी ऐसा गर्भधारण जो गर्भाशय के बाहर होता है, जहां यह सामान्य रूप से विकसित नहीं हो सकता।

Mother and Baby Matters की टीम ने डॉ. तुषार पालवे, सुपरिन्टेन्डेन्ट, कामा हॉस्पिटल से बात की और यह समझने की कोशिश की कि एक्टॉपिक प्रेगनेंसी क्या होती है और यह फैलोपियन ट्यूब के अलावा किन अन्य स्थानों पर हो सकती है।
एक्टॉपिक प्रेगनेंसी क्या है?
एक्टॉपिक प्रेगनेंसी वह स्थिति होती है जब निषेचित अंडाणु गर्भाशय की मुख्य गुहा के बाहर प्रत्यारोपित होकर विकसित होने लगता है। यह सबसे अधिक फैलोपियन ट्यूब में होता है, जो अंडाशय (ovary) से गर्भाशय तक अंडाणु ले जाने का कार्य करती है। जब यह ट्यूब में होता है, तो इसे ट्यूबल प्रेगनेंसी कहा जाता है।

डॉ. तुषार पळवे कहते हैं, “एक्टॉपिक प्रेगनेंसी एक गंभीर चिकित्सकीय स्थिति है जिसमें निषेचित अंडाणु गर्भाशय के बाहर, आमतौर पर फैलोपियन ट्यूब में, प्रत्यारोपित हो जाता है। यह गर्भधारण जीवित नहीं रह सकता और अगर समय पर इलाज न हो, तो जानलेवा भी साबित हो सकता है।” यदि आपको एक्टॉपिक प्रेगनेंसी का संदेह हो, तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें।
फैलोपियन ट्यूब: सबसे आम स्थल
डॉ. पळवे बताते है कि एक्टॉपिक प्रेगनेंसी के लगभग 90-95% मामले फैलोपियन ट्यूब में पाए जाते हैं। ट्यूब के भीतर भी यह विभिन्न स्थानों पर हो सकता है:
- एंपुला (Ampulla): ट्यूब का सबसे चौड़ा हिस्सा, जहां लगभग 70-80% एक्टॉपिक प्रेगनेंसी होती हैं।
- इस्थमस (Isthmus): ट्यूब का संकरा भाग जो गर्भाशय के पास होता है — लगभग 12-15% मामले।
- फिम्ब्रिया (Fimbriae): ट्यूब का वह सिरा जो अंडाशय से जुड़ा होता है — लगभग 5-8% मामले।
- इंटरस्टिशियल (Interstitial): वह हिस्सा जो गर्भाशय की मांसपेशियों से होकर गुजरता है — लगभग 2-3% एक्टॉपिक प्रेगनेंसी।
अन्य दुर्लभ स्थान जहाँ एक्टॉपिक प्रेगनेंसी हो सकती है:
हालाँकि बहुत कम, लेकिन कुछ मामलों में एक्टॉपिक प्रेगनेंसी शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है जो गर्भनाल मार्ग से जुड़े होते हैं:
क्या एक्टॉपिक प्रेगनेंसी सामान्य रूप से बढ़ सकती है?
नहीं। एक्टॉपिक प्रेगनेंसी में भ्रूण सामान्य रूप से विकसित नहीं हो सकता। यह न केवल भ्रूण के लिए घातक होता है, बल्कि माँ के लिए भी जानलेवा हो सकता है — विशेषकर यदि बढ़ता ऊतक फट जाए और अंदरूनी रक्तस्राव शुरू हो जाए। इसलिए समय पर पहचान और उपचार आवश्यक है।



