केरल में दुर्लभ ‘Brain-Eating-Amoeba’ से 9 साल की बच्ची की मौत

वैश्विक स्तर पर PAM की मृत्यु दर 97% है, लेकिन केरल में 2023 में शुरू किए गए परीक्षण, शुरुआती पहचान और विशेष उपचार प्रोटोकॉल के माध्यम से यह घटकर 25% तक हुआ है।

कोझिकोड: पिछले दिनों केरल में नौ साल की एक बच्ची की प्राइमरी अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस (Primary amoebic meningoencephalitis – PAM) नामक दुर्लभ लेकिन जानलेवा मस्तिष्क संक्रमण से मौत हो गई है। दो अन्य मरीज, जिनमें तीन महीने का शिशु भी शामिल है, जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कोझिकोड जिले में अलर्ट जारी किया है।

अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस (Amoebic meningoencephalitis) का कारण निग्ले़रिया फॉवलेरी है, जिसे आमतौर पर “Brain Eating Amoeba” कहा जाता है। यह एक मुक्त-जीवी अमीबा है जो गर्म, ताजे पानी और मिट्टी में पाया जाता है और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करने पर संक्रमण फैलाता है।

इस वर्ष केरल में अब तक आठ पुष्ट PAM मामले और दो मौतें सामने आई हैं। ताज़ा मामला 14 अगस्त को कोझिकोड के थामरसेरी इलाके में दर्ज किया गया। अधिकारियों का कहना है कि हाल ही के तीन मामलों में कोई समान कड़ी नहीं मिली, जिससे अमीबा के प्रसार को लेकर चिंता बढ़ गई है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहना है कि हमें समझ नहीं आ रहा कि शिशु को संक्रमण कैसे हुआ। स्नान के दौरान पानी नाक में जाना एक संभावना है, लेकिन अमीबा धूल और मिट्टी में भी पाया जाता है।

12-Year-Old Dies from Brain-Eating Amoeba After Swim in A Lake

निग्ले़रिया फॉवलेरी (Naegleria fowleri) के अलावा एकैंथअमीबा नामक दूसरा जीनस भी मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस का कारण बन सकता है। जहाँ निग्ले़रिया संक्रमण पानी के संपर्क से अधिक जुड़ा होता है, वहीं एकैंथअमीबा संक्रमण बिना पानी के संपर्क के भी हो सकता है और इसका इन्क्यूबेशन पीरियड लम्बा होता है।

भारत का पहला PAM मामला 1971 में सामने आया था, जबकि केरल में पहला मामला 2016 में दर्ज हुआ। 2016 से 2023 के बीच राज्य में केवल आठ मामले दर्ज हुए, लेकिन पिछले साल अकेले 36 मामले और नौ मौतें दर्ज की गईं। वैश्विक स्तर पर PAM की मृत्यु दर 97% है, लेकिन केरल ने परीक्षण, शुरुआती पहचान और 2023 में लागू किए गए विशेष उपचार प्रोटोकॉल के जरिए इसे 25% तक घटाने में सफलता पाई।

ख़ास बात यह है कि जुलाई 2024 में कोझिकोड का 14 वर्षीय एक बच्चा PAM से बचने वाला पहला भारतीय और दुनिया का केवल 11वां व्यक्ति बना। विशेषज्ञ हाल के मामलों में वृद्धि का कारण AES (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) के लिए बढ़े हुए परीक्षण, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण को मानते हैं।

केरल फिलहाल भारत का एकमात्र राज्य है जिसके पास अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस के प्रबंधन के लिए समर्पित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) है।

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