प्रजनन का भविष्य: Humanoid Robot भी कर सकेगा इंसानों की तरह गर्भधारण

इसका पहला प्रोटोटाइप अगले साल लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसकी कीमत लगभग ₹12 लाख होगी।

ग्वांगझू (चीन): विज्ञान की दुनिया से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। चीन के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने ऐसा ह्यूमनॉइड रोबोट विकसित किया है जो इंसान की तरह गर्भधारण कर सकता है और बच्चे को जन्म दे सकता है।

यह प्रोजेक्ट ग्वांगझू स्थित काईवा टेक्नोलॉजी के डॉ. झांग चिफेंग की अगुवाई में चल रहा है। उनका कहना है कि इस रोबोट के पेट में एक कृत्रिम गर्भाशय (artificial womb) तैयार किया गया है, जो एमनियोटिक फ्लुइड से भरा होगा। इसी के भीतर भ्रूण 9 महीने तक विकसित होगा और ट्यूब के माध्यम से पोषण प्राप्त करेगा। इसके बाद सामान्य प्रसव जैसी प्रक्रिया से शिशु का जन्म होगा।

सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे कर रहे डॉ झांग का कहना है कि तकनीक अब “mature stage” में पहुंच चुकी है और केवल इसे रोबोट के शरीर से जोड़कर इंसानों के साथ इंटरैक्शन योग्य बनाना बाकी है।

humanoid robot
Image: Firstpost

इसका पहला प्रोटोटाइप अगले साल लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसकी कीमत लगभग 1 लाख युआन (करीब ₹12 लाख) होगी। हालांकि, भ्रूण के निषेचन (fertilization) और प्रत्यारोपण (implantation) की प्रक्रिया पर अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है। यह विचार उन प्रयोगों पर आधारित है, जिनमें समय से पूर्व जन्मे मेमनों (lambs) को “बायोबैग” में हफ्तों तक जिंदा रखा गया था।

कानूनी और नैतिक बहस

इस तकनीक ने दुनिया भर में कानूनी और नैतिक बहस छेड़ दी है। समर्थकों का मानना है कि आर्टिफीसियल गर्भाशय से चीन में बढ़ रही बांझपन (infertility) की समस्या का समाधान मिल सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, चीन में बांझपन के मामले 2007 में 11.9% से बढ़कर 2020 में 18% हो गए।

इसके अलावा, यह तकनीक महिलाओं को गर्भावस्था से जुड़ी स्वास्थ्य जटिलताओं से बचा सकती है और डिलीवरी के दौरान होने वाली शारीरिक कठिनाइयों से मुक्ति दिला सकती है।

वहीं, आलोचकों का कहना है कि विज्ञान कभी भी मां के हार्मोनल योगदान और मां-बच्चे के प्राकृतिक संबंध की जगह नहीं ले सकता। कुछ विशेषज्ञों को डर है कि यह प्रौद्योगिकी गर्भधारण को महज एक “मशीन प्रक्रिया” में बदल सकती है। नारीवादी विचारक एंड्रिया ड्वॉर्किन ने एक बार चेतावनी दी थी कि आर्टिफीसियल गर्भाशय “महिलाओं के अंत” का संकेत हो सकता है। वहीं, अमेरिका के चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ऑफ फिलाडेल्फिया के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तकनीक गर्भावस्था को एक बीमारी की तरह देखने का खतरा पैदा करती है।

Hot this week

Cama Hospital के मिल्क बैंक ने 726 माताओं से 248 लीटर दूध एकत्र किया

मां का दूध शिशुओं को निमोनिया व डायरिया जैसी...

Two-Thirds of Urban Families Now Choose Online, Chemical-Free Baby Care

Parents are prioritizing products free from parabens, preservatives, artificial...

Cama Hospital’s Milk Bank Collects 248 Litres from 726 Mothers, Feeds 1,461 Newborns

Mother’s milk can reduce infant mortality by up to...

World Lung Cancer Day: Early Detection Can Make All the Difference in Lung Cancer

Lung cancer is one of the most common and...

Topics

Cama Hospital के मिल्क बैंक ने 726 माताओं से 248 लीटर दूध एकत्र किया

मां का दूध शिशुओं को निमोनिया व डायरिया जैसी...

Two-Thirds of Urban Families Now Choose Online, Chemical-Free Baby Care

Parents are prioritizing products free from parabens, preservatives, artificial...

Related Articles

Translate »